Lyrics
चली राधे रानी, अँखियों में पानी
चली राधे रानी, अँखियों में पानी
अपने मोहन से मुखड़ा मोड़के
अपने मोहन से मुखड़ा मोड़के
चली राधे रानी, अँखियों में पानी
अपने मोहन से मुखड़ा मोड़के
अपने मोहन से मुखड़ा मोड़के
मान भरी, अभिमान भरी
मान भरी, अभिमान भरी
निर्मोही से, निर्मोही से नाता तोड़के
अपने मोहन से मुखड़ा मोड़के
चली राधे रानी
ओ ओ, जमुना के तट पे, बंसी के बट पे
नटखट ने उसको घेर लिया
देखो नटखट ने उसको घेर लिया
घूँघट के पट से झाँक के झटपट
राधा ने भी मुँह फेर लिया
हो देखो राधा ने भी मुँह फेर लिया
बातों ही बातों में झगड़ा भया ऐसा
बातों ही बातों में झगड़ा भया ऐसा
बाहों के बंधन तोड़के
हो चली बाहों के बंधन तोड़के
अपने मोहन से मुखड़ा मोड़के
चली राधे रानी, अँखियों में पानी
अपने मोहन से मुखड़ा मोड़के
अपने मोहन से मुखड़ा मोड़के
चली राधे रानी
छलिया मोहन, राधे भोली
छलिया मोहन, राधे भोली
साँवरिया ने की जो छिछोली
साँवरिया ने की जो छिछोली
साँवरिया साँवरिया, साँवरिया ने की जो ठिठोली
न कुछ डोली, न कुछ बोली
राधे न कुछ डोली, न कुछ बोली
न ही दो अखियाँ खोली
न ही दो अखियाँ खोली
लाख मनाये गोरी, माने न माने
लाख मनाये गोरी, माने न माने
मधुबन की गलियाँ छोड़के
हो, चली मधुबन की गलियाँ छोड़के
अपने मोहन से मुखड़ा मोड़के
चली राधे रानी, अँखियों में पानी
अपने मोहन से मुखड़ा मोड़के
अपने मोहन से मुखड़ा मोड़के
चली राधे रानी
Copyright: Royalty Network
Writer(s): AROON KUMAR MUKHERJEE, BHARAT VYAS
चली राधे रानी, अँखियों में पानी
अपने मोहन से मुखड़ा मोड़के
अपने मोहन से मुखड़ा मोड़के
चली राधे रानी, अँखियों में पानी
अपने मोहन से मुखड़ा मोड़के
अपने मोहन से मुखड़ा मोड़के
मान भरी, अभिमान भरी
मान भरी, अभिमान भरी
निर्मोही से, निर्मोही से नाता तोड़के
अपने मोहन से मुखड़ा मोड़के
चली राधे रानी
ओ ओ, जमुना के तट पे, बंसी के बट पे
नटखट ने उसको घेर लिया
देखो नटखट ने उसको घेर लिया
घूँघट के पट से झाँक के झटपट
राधा ने भी मुँह फेर लिया
हो देखो राधा ने भी मुँह फेर लिया
बातों ही बातों में झगड़ा भया ऐसा
बातों ही बातों में झगड़ा भया ऐसा
बाहों के बंधन तोड़के
हो चली बाहों के बंधन तोड़के
अपने मोहन से मुखड़ा मोड़के
चली राधे रानी, अँखियों में पानी
अपने मोहन से मुखड़ा मोड़के
अपने मोहन से मुखड़ा मोड़के
चली राधे रानी
छलिया मोहन, राधे भोली
छलिया मोहन, राधे भोली
साँवरिया ने की जो छिछोली
साँवरिया ने की जो छिछोली
साँवरिया साँवरिया, साँवरिया ने की जो ठिठोली
न कुछ डोली, न कुछ बोली
राधे न कुछ डोली, न कुछ बोली
न ही दो अखियाँ खोली
न ही दो अखियाँ खोली
लाख मनाये गोरी, माने न माने
लाख मनाये गोरी, माने न माने
मधुबन की गलियाँ छोड़के
हो, चली मधुबन की गलियाँ छोड़के
अपने मोहन से मुखड़ा मोड़के
चली राधे रानी, अँखियों में पानी
अपने मोहन से मुखड़ा मोड़के
अपने मोहन से मुखड़ा मोड़के
चली राधे रानी
Copyright: Royalty Network
Writer(s): AROON KUMAR MUKHERJEE, BHARAT VYAS
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