Lyrics
अजीब दास्तां है ये
कहाँ शुरू कहाँ खतम
ये मंज़िलें है कौन सी
न वो समझ सके न हम
अजीब दास्तां है ये
कहाँ शुरू कहाँ खतम
ये मंज़िलें है कौन सी
न वो समझ सके न हम
आ आ आ आ आ आ आ
ये रोशनी के साथ क्यों
धुआँ उठा चिराग से
ये रोशनी के साथ क्यों
धुआँ उठा चिराग से
ये ख़्वाब देखती हूँ मैं
के जग पड़ी हूँ ख़्वाब से
अजीब दास्तां है ये
कहाँ शुरू कहाँ खतम
ये मंज़िलें है कौन सी
न वो समझ सके न हम
आ आ आ आ आ आ
मुबारकें तुम्हें के तुम
किसीके नूर हो गए
मुबारकें तुम्हें के तुम
किसीके नूर हो गए
किसीके इतने पास हो
के सबसे दूर हो गए
अजीब दास्तां है ये
कहाँ शुरू कहाँ खतम
ये मंज़िलें है कौन सी
न वो समझ सके न हम
आ आ आ आ आ आ
किसीका प्यार लेके तुम
नया जहाँ बसाओगे
किसीका प्यार लेके तुम
नया जहाँ बसाओगे
ये शाम जब भी आएगी
तुम हमको याद आओगे
अजीब दास्तां है ये
कहाँ शुरू कहाँ खतम
ये मंज़िलें है कौन सी
न वो समझ सके न हम
आ आ आ आ आ आ
Copyright: Royalty Network
Writer(s): SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan
कहाँ शुरू कहाँ खतम
ये मंज़िलें है कौन सी
न वो समझ सके न हम
अजीब दास्तां है ये
कहाँ शुरू कहाँ खतम
ये मंज़िलें है कौन सी
न वो समझ सके न हम
आ आ आ आ आ आ आ
ये रोशनी के साथ क्यों
धुआँ उठा चिराग से
ये रोशनी के साथ क्यों
धुआँ उठा चिराग से
ये ख़्वाब देखती हूँ मैं
के जग पड़ी हूँ ख़्वाब से
अजीब दास्तां है ये
कहाँ शुरू कहाँ खतम
ये मंज़िलें है कौन सी
न वो समझ सके न हम
आ आ आ आ आ आ
मुबारकें तुम्हें के तुम
किसीके नूर हो गए
मुबारकें तुम्हें के तुम
किसीके नूर हो गए
किसीके इतने पास हो
के सबसे दूर हो गए
अजीब दास्तां है ये
कहाँ शुरू कहाँ खतम
ये मंज़िलें है कौन सी
न वो समझ सके न हम
आ आ आ आ आ आ
किसीका प्यार लेके तुम
नया जहाँ बसाओगे
किसीका प्यार लेके तुम
नया जहाँ बसाओगे
ये शाम जब भी आएगी
तुम हमको याद आओगे
अजीब दास्तां है ये
कहाँ शुरू कहाँ खतम
ये मंज़िलें है कौन सी
न वो समझ सके न हम
आ आ आ आ आ आ
Copyright: Royalty Network
Writer(s): SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan
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